इमाम अली नक़ी अलैहिस्सलाम की बयालीस साल की ज़िंदगी थी, मगर पूरी उम्र जेहादऔर रेज़िस्टेंस से भरी हुयी है...जवानी में मौत, पूरी ज़िंदगी जेहाद, अल्लाह की राह में ख़ालिस कोशिश, मुश्किलों से न घबराना, सत्ता और सत्ताधारियों से न डरना, अल्लाह की राह में वेक़ार और सुकून का प्रदर्शन, अल्लाह के सामने बंदगी और ख़ुज़ू की हालत, इस अज़ीम इमाम की ख़ुसूसियतें हैं।
इमाम ख़ामेनेई
8 मई 1981