रिश्तेदारों से अच्छा अख़लाक़, सामाजिक संबंध के साधन और सामाजिक लगाव के चैनल में से है। अगर रिश्तेदारों में आपस में संबंध बने रहें तो स्वाभाविक तौर पर जो लोग नेक, अच्छे व्यवहार वाले और अच्छी बात करने वाले अच्छी चीज़ें और ख़ूबियां एक दूसरे में पैदा कर सकते हैं, पड़ोसियों में, साथ मिलने जुलने वालों में यानी जो हमारे सफ़र में, हमारे दफ़्तर में या जिन जगहों पर हम रोज़ आते जाते हैं, हमारे साथ होते हैं, आते जाते हैं, उनके साथ मोहब्बत से पेश आएं, मेहरबानी से पेश आएं, यह बहुत अहम है। इमाम ख़ामेनेई 04/03/2019
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