वर्चस्ववादी सिस्टम में दुनिया भर में वर्चस्व जमाने के केन्द्र, पूरी दुनिया को ललचायी नज़रों से देखते और उसे निगल जाना चाहते हैं। वर्चस्ववादी व्यवस्था हक़ीक़त में सरकारों व ताक़तों की एक कड़ी है, लेकिन इन सरकारों के पीछे कंपनियां तथा आर्थिक व वित्तीय केन्द्र हैं। इस सोच के तहत जो भी मुल्क, राष्ट्रीय संप्रभुता और मुल्क की भीतरी तरक़्क़ी की राह में किसी तरह का क़दम उठाए तो उनके आक्रोश का निशाना बन जाता है। जिस वक़्त इस्लामी गणराज्य (ईरान) ने, जब वे लोग इसको एक वक़्त ईंधन देने पर तैयार न हुए तो, अपने नौजवानों, इंजीनियरों, डाक्टरों और पढ़े लिखे लोगों का रुख़ किया कि वे दिन रात काम करें और एक अच्छे प्रशासन के तहत ख़ुद ईंधन पैदा करने की टेक्नॉलोजी का पता लगा लें तो उनको यह बात कड़वी लग गयी, उन्हें यह मंज़ूर नहीं है, इसलिए वे मुक़ाबले में खड़े हो गए।
इमाम ख़ामेनेई
05/11/2014