प्यारे भाइयो! आपको जवानी में ही आत्म निर्माण से काम लेना चाहिए, आपके सामने बहुत ही अहम व संवेदनशील ज़माना है। विश्व स्तर पर इस मुल्क और इस अज़ीम इंक़ेलाब को आपकी ज़रूरत पड़ेगी, आध्यात्मिक लेहाज़ से आत्म निर्माण कीजिए। निश्चित तौर पर यह एक आसान काम है! लेकिन इसे अंजाम देने के लिए मज़बूत इरादे की ज़रूरत है। यह काम तक़वा, तक़वा यानी गुनाहों से दूरी, यानी वाजिब कामों को अंजाम देना और हराम चीज़ों से बचना, अपने कामों को ख़ुलूस के साथ अंजाम देना, दिखावा, फ़रेब और मक्कारी से दूर रहना। इमाम ख़ामेनेई 20/02/1992
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