शादी की उम्र का मसला भी, जिस पर इस्लामी किताबों में ताकीद की गयी है कि शादी की उम्र कहीं ज़्यादा न हो जाए और जवानों को जल्दी शादी कर लेनी चाहिए, अख़लाक़ी बुराइयों के ख़तरे से बचाने के लिए है। अलबत्ता इसका मतलब यह नहीं है कि कम उम्र में शादी कर दी जाए, जैसा कि कुछ लोग कहते हैं, जी नहीं, जवान लड़के और लड़कियां, मर्द और औरत जहाँ तक हो सके सही वक़्त पर शादी कर लें तो यह इस्लाम की नज़र में ज़्यादा पसंदीदा है, ख़ुद उनके लिए भी निश्चित तौर पर बेहतर है और समाज के लिए भी बहुत अच्छा है।
इमाम ख़ामेनेई
27/12/2023