इस्लाम कहता है कि लड़की और लड़का (मियां-बीवी) दोनों को निभाना चाहिए। दोनों को एक दूसरे के सार्थक पहूल को देखना चाहिए और यह तय करना चाहिए कि घरेलू ज़िन्दगी एक दूसरे से इश्क़ व मोहब्बत के साथ, पूरी तरह इत्मेनान, सुकून और पारदर्शी तरीक़े से गुज़ारेंगे, जारी रखेंगे और इसकी हिफ़ाज़त करेंगे। अगर ऐसा हो गया तो ऐसी फ़ैमिली वैसी स्वस्थ फ़ैमिली होगी जैसी इस्लाम चाहता है।
इमाम ख़ामेनेई
2/08/1995