शहीदों का नाम, ज़िंदा और बाक़ी रहने का मुस्तहक़ है। यानी अल्लाह की राह में क़ुरबानी की ख़ासियत व पहचान यह है कि शहीद का नाम दुनिया में बाक़ी रहता है। शहादत की ख़ूबी और अल्लाह की राह में क़ुरबानी की ख़ासियत व पहचान यह है कि स्वाभाविक तौर पर शहीद बाक़ी और अमर हो जाता है लेकिन हमारी भी कुछ ज़िम्मेदारी है, हमें शहीदों के नाम को ज़िन्दा रखना चाहिए।
इमाम ख़ामेनेई
27 सितम्बर 2023