काम काज जितना बेहतर और जितना फ़ायदेमंद होगा, उसका सवाब भी उतना ही ज़्यादा होगा। वह इल्म जिसे आप सिखाते हैं जितना ज़्यादा फ़ायदेमंद हो उतना ज़्यादा सवाब भी है। ऐसा नहीं है कि अगर आप क़ुरआन और धार्मिक ज्ञान सिखाएं तो सवाब है और अलजबरा, ज्योमेट्री और फ़िज़िक्स की ट्रिग्नोमेट्री की शिक्षा दें तो उसमें सवाब नहीं है। इमाम ख़ामेनेई 03/03/1996
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