हमें पूरे वुजूद के साथ इस्लाम की राह में क़दम बढ़ाते जाना चाहिए, हमें अपना यह लक्ष्य नहीं भूलना चाहिए क्योंकि प्रतिरोध का मतलब है गुमराह न होना, अपने रास्ते को न भूलना और सीधे रास्ते को गुम न करना।