ग़ज़ा की त्रास्दी इतनी बड़ी है कि विश्व जनमत के सामने ज़ायोनी सरकार की हक़ीक़त बेनक़ाब हो गई, उसे छिपाना मुमकिन नहीं है। इमाम ख़ामेनेई  4 दिसम्बर 2023
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