पाकीज़ा डिफ़ेन्स के तथ्यों में फेरबदल कर दिए जाने ‎का ख़तरा है। फेरबदल करने वाले तत्व घात में हैं। इसलिए वक़्त के लेहाज़ से पाकीज़ा डिफ़ेन्स से जितना ज़्यादा दूर हो रहे हैं, उतना ही मारेफ़त के ‎लेहाज़ से हमें उससे ज़्यादा क़रीब होना चाहिए।