दुश्मन की शिकस्त का यक़ीन रखने के साथ साथ उसकी तरफ़ से ग़ाफ़िल न होना भी बहुत अहम है। किसी भी मरहले पर दुश्मनों की चालबाज़ी और साज़िशों से ग़ाफ़िल नहीं होना चाहिए।  इमाम ख़ामेनेई 16 अप्रैल 2023
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