बेशक हम शियों का यह इफ़तेख़ार है कि हम इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के रास्ते पर चलने वाले हैं, लेकिन इमाम हुसैन सिर्फ़ हमारे नहीं है, पूरी इंसानियत के हैं।