हम, कुछ पुराने अरब नेताओं की तरह, जिन्होंने कहा कि यहूदियों को समुद्र में डाल देंगे, यहूदियों को समुद्र में डालने वाले नहीं हैं। हम कहते हैं कि फ़िलिस्तीनी राष्ट्र का भरपूर संघर्ष, राजनैतिक संघर्ष, सशस्त्र संघर्ष, नैतिक व सांस्कृतिक संघर्ष तब तक जारी रहना चाहिए जब तक फ़िलिस्तीन पर अवैध क़ब्ज़ा करने वाले, फ़िलिस्तीनी राष्ट्र के वोटों के सामने झुक नहीं जाते। सभी फ़िलिस्तीनियों का, चाहे वे मुसलमान हों, ईसाई हों, यहूदी हों या फिर वे लोग जिन्हें फ़िलिस्तीन से बाहर निकाल दिया गया और वे फ़िलिस्तीनी हैं, रिफ़्रेंडम कराया जाए और वे लोग तैय करें कि फ़िलिस्तीन में कौन सी व्यवस्था का राज हो और सभी उसकी बात मानें, संघर्ष इस समय तक जारी रहना चाहिए और जारी रहेगा। अल्लाह की कृपा से, उसकी मदद और ताक़त से फ़िलिस्तीनी राष्ट्र इस शांतिपूर्ण, मानवीय और पूरी दुनिया के बौद्धिक विधानों में स्वीकार्य संघर्ष में विजेता होगा और फ़िलिस्तीनी देश, फ़िलिस्तीनियों को वापस मिलेगा और ईश्वर की इच्छा से आप नौजवान वह दिन देखेंगे।