वे कहते हैं कि हम परमाणु हथियार के विरोधी हैं, झूठ बोलते हैं, यह भी उनकी समस्या नहीं है, शायद उनमें से बहुत से या वे सभी जानते हैं कि हम एटमी हथियार नहीं बनाना चाहते, वे तो हमारे पारम्परिक हथियारों के भी ख़िलाफ़ हैं, हमारे प्रतिरक्षा साधनों के भी विरोधी हैं, वे चाहते हैं कि शक्ति के साधनों को ईरान से छीन लें वरना देश के लिए यूरेनियम के संवर्धन की ज़रूरत एक पूरी तरह स्पष्ट बात है। निश्चित रूप से कुछ बरस बाद देश के परमाणु बिजलीघर, देशों में ऊर्जा के सबसे अहम स्रोतों में से एक होंगे। जिस दिन तेल ख़त्म हुआ या तेल के लिए कुछ दूसरी संभावनाएं पैदा हो गईं, उस दिन परमाणु बिजलीघर जो अधिक स्वस्थ, अधिक साफ़ और ज़्यादा सस्ते हैं, देशों में प्रचलित हो जाएंगे। हमें उस दिन ज़रूरत होगी, यूरेनियम का संवर्धन उस दिन शुरू नहीं किया जा सकता, आज ही से शुरू करना चाहिए ताकि हमारी तैयारी रहे, संभावना रहे और वे यही नहीं चाहते, साम्राज्यवादी पश्चिमी यह नहीं चाहते। ये चाहते हैं कि जिस दिन ईरान को एटॉमिक एनर्जी की ज़रूरत हो, उस दिन वह इनका मोहताज हो ताकि ये अपनी शर्तें उस पर थोप सकें, ताकि ज़ोर-ज़बरदस्ती कर सकें, ग़ुंडा टैक्स वसूल कर सकें, ये लोग यह चाहते हैं।