11 फ़रवरी 2023 के जुलूसों में क़ीमती और भरपूर शिरकत पर ईरानी क़ौम को सलाम करता हूं। मैं ख़ुद को इस क़ाबिल नहीं समझता कि शुक्रिया अदा करुं। इसकी क़द्रदानी तो अल्लाह ही कर सकता है। मिल्लते ईरान! अल्लाह आपकी मेहनतों की क़द्रदानी करे।
इमाम ख़ामेनेई
15 फ़रवरी 2023
इतने प्रोपैगंडे, रोज़मर्रा की मुश्किलें जिन्हें लोग पूरे वजूद से महसूस कर रहे हैं, दुश्मन के बहकावे, सर्दी, मुल्क में कुछ जगहों पर माइनस टम्प्रेचर, ये सबके सब अवाम के ईमान व मारेफ़त की गर्मी के सामने बेअसर हो गए।
मिल्लते ईरान का अल्लाहो अकबर का नारा अपनी ख़ास आवाज़ और अंदाज़ रखता है। क्योंकि यह पैग़म्बर का नार-ए-अल्लाहो अकबर है। यह बुतों को तोड़ने वाला नार-ए-अल्लाहो अकबर है। यह ताक़त और धन दौलत के बुतों को महत्वहीन साबित करने वाला नारा है। यह विश्व साम्राज्यवाद के मुक़ाबले में एक क़ौम की शुजाअत और बहादुरी का आईना है।
इमाम ख़ामेनेई
28 अगस्त 1985