हमारे बस की बात नहीं’ का कल्चर इस्लामी इंक़ेलाब से पहले समाज में मौजूद ग़लत कल्चर था। इंक़ेलाब ने आकर इस सोच को बदला जिसके नतीजे में बांधों, बिजलीघरों, हाईवेज़, तेल और गैस इंडस्ट्री की मशीनों और इंफ़्रास्ट्रक्चर के निर्माण के बहुत सारे काम स्थानीय नौजवान विशेषज्ञों के हाथों अंजाम पाए।
इमाम ख़ामेनेई
6 दिसम्बर 2022
इस्लामी इन्क़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने मंगलवार की शाम को सुप्रीम काउंसिल फ़ॉर कल्चरल रेवोलुशन के सदस्यों से मुलाक़ात में कहा कि मुल्क को कल्चर के मैदान में सही दिशा में ले जाना इस विभाग की ज़िम्मेदारी है। उन्होंने मुल्क के कल्चरल ढांचे के इन्क़ेलाबी पुनरनिर्माण को ज़रूरी बताया और कहा कि सुप्रीम काउंसिल फ़ॉर कल्चरल रेवोलुशन को चाहिए कि अलग अलग मैदानों में ग़लत कल्चरल बिन्दुओं और कमियों की सही पहचान और निगरानी के साथ सही बिन्दुओं व नज़रियों को फैलाने के लिए आलेमाना हल पेश करे।