08/02/2023
हम सीरिया और तुर्किए में, मुसीबत में फंसे अपने भाइयों की ओर से दुखी हैं। मरने वालों के लिए हम अल्लाह से रहमत व मग़फ़ेरत और उनके सोगवारों के लिए सब्र की दुआ करते हैं।
06/02/2023
हमारे मुल्क में साम्राज्यवादी ताक़तों यानी पहले ब्रिटेन और फिर अमरीका का सबसे अहम मोर्चा, उनकी एजेन्ट सरकश हुकूमत थी। उनके ज़रिए क़ायम होने वाली सरकश हुकूमत उनके मोर्चे का काम करती थी। इंक़ेलाब आया तो उसने इस मोर्चे को ध्वस्त कर दिया, ख़त्म कर दिया, ढा दिया।
04/02/2023
रजब के मुबारक दिनों में और हज़रत अली अलैहिस्सलाम के जन्म दिन की पूर्व संध्या पर इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में शुक्रवार की शाम इस्लामी इंक़ेलाब के नेता की मौजूदगी में स्कूली छात्राओं के जश्ने इबादत का प्रोग्राम आयोजित हुआ।
03/02/2023
एक इंसान जिन ख़ूबियों और वैल्यूज़ का वह सम्मान करता है, वे सभी हज़रत अली अलैहिस्सलाम में इकट्ठा हैं। जो शख़्स किसी भी धर्म में आस्था नहीं रखता, वह भी जब अमीरुल मोमेनीन की शख़्सियत को पहचान लेता है तो उनके सामने सिर झुका देता है।
01/02/2023
जिन लोगों को धर्म से कोई लेना देना नहीं था वे तो अपनी जगह, धर्म पर अमल करने वाले लोग भी, यहाँ तक कि कुछ धर्मगुरू भी यह नहीं मानते थे कि इस्लाम सियासी मामलों में हस्तक्षेप कर सकता है। हालांकि इस्लाम का उदय ही सियासी इरादों के साथ हुआ था।
31/01/2023
आज सुबह इमाम ख़ुमैनी रहमतुल्लाह अलैह के मज़ार, 28 जून 1981की घटना के शहीदों और इसी ‎तरह 30 अगस्त 1981 को प्रधान मंत्री कार्यालय में होने वाले धमाके के शहीदों के मज़ारों इसके अलावा ‎नेश्नल सेक्युरिटी के तहत अपना फ़र्ज़ अदा करते हुए शहीद होने वाले आरमान अली वेर्दी के मज़ार ‎पर इस्लामी इन्क़ेलाब के नेता हाज़िरी हाज़िरी दी।
26/01/2023
जब इंसान ग़फ़लत की हालत से बाहर निकल आए और इस ओर उसका ध्यान रहे कि उसे देखा जा रहा है, उसका हिसाब किया जा रहा है। हम लिखते लिखवाते रहते थे जो कुछ तुम करते थे।(सूरए जासिया-आयत-29) उसकी सभी हरकतें, हिलना डुलना और काम अल्लाह के सामने हैं तो स्वाभाविक तौर पर वह एहतियात करेगा।
24/01/2023
इस महीने में जितना ज़्यादा हो सके अल्लाह की बारगाह में दुआ व मुनाजात कीजिए और अहलेबैत को वसीला क़रार दीजिए! अल्लाह की याद में रहिए! अगर हम सब, अल्लाह से अपने संपर्क को मज़बूत बनाएं तो बहुत से मसले, मुश्किलें, परेशानियां, रुकावटें अपने आप ही दूर हो जाएंगी।
23/01/2023
रजब का महीना ख़ुदाई वैल्यूज़ से ख़ुद को क़रीब करने का एक मौक़ा है, अल्लाह से क़रीब होने का मौक़ा है और आत्म निर्माण का मौक़ा है।
21/01/2023
वेस्ट एशिया के इलाक़े में ऐसी क्या ख़ास बात है जो साम्राज्यवादी ताक़तें किसी भी क़ीमत पर उसे अपने कंट्रोल से बाहर नहीं जाने देना चाहतीं, इसके लिए उन्होंने कैसे मंसूबे बनाए और उन मंसूबों का अंजाम क्या हुआ? इन अहम सवालों का जायज़ा।
18/01/2023
जहाँ तक माँ के हक़ की बात है तो वो ज़िन्दगी देने वाली हस्ती का हक़ है। बाप का भी असर है, लेकिन माँ से कम, माँ का असर सबसे ज़्यादा होता है। दिलों में ईमान के बीज बोने वाली माएं हैं जो बच्चे को मोमिन बनाती हैं।
17/01/2023
पश्चिमी देशों में उच्च पदों पर पहुंचने वाले अश्वेतों की हैसियत क्या होती है, क्या वे पश्चिम की साम्राज्यवादी नीतियों में कोई बदलाव ला पाते हैं?
15/01/2023
दुश्मन सोच रहा था कि ईरानी क़ौम, आर्थिक मुश्किलों की वजह से -जो मौजूद हैं- तख़्ता पलटने और मुल्क को तोड़ने की दुश्मन की साज़िश का साथ देगी, यह एक ग़लत अंदाज़ा था।
14/01/2023
बसीज या स्वयंसेवी बल इस्लामी जुम्हूरिया का ऐसा अज़ीम सगंठन है जिसने अवाम की ख़िदमत, मुल्क की हिफ़ाज़त और सभी विभागों की तरक़्क़ी में बेमिसाल किरदार निभाया है।
12/01/2023
ईरान के ख़िलाफ़ साज़िश में दुश्मनों की चूक।
10/01/2023
वह अपने सभी संसाधनों को इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि इस मुबारक वजूद को, इस्लामी जुम्हूरिया को, इस इन्क़ेलाब को हरा सकें, लेकिन नहीं हरा सके। अल्लाह हमारा मौला है। जिसे भी यक़ीन नहीं है वह इन चालीस बरसों पर एक नज़र डाले।
09/01/2023
इन लोगों ने इन सेंटरों को निशाना बनाया कि इन्हें बंद कर दें ताकि इल्म हासिल न किया जा सके। सेक्युरिटी न रहे, इल्म हासिल न हो सके। ये लोग कमज़ोर पहलुओं को ख़त्म नहीं करना चाहते थे, ये, मज़बूत कामों को ख़त्म करना चाहते थे।
07/01/2023
दुश्मन का एक हथकंडा यह है कि वह कहीं कोई काम बहुत शोर व ग़ुल के साथ शुरू करता है, ताकि सबका ध्यान उस तरफ़ मुड़ जाए, फिर अस्ली काम जो वह अंजाम देना चाहता है, किसी दूसरी जगह अंजाम देता है।
03/01/2023
अल्लाह करे कि आख़ेरत में भी ‎इंशाअल्लाह हमारी यही क़ुरबत रहे, शहीद क़ासिम सुलैमानी के बारे में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता के जज़्बात।
02/01/2023
इस्लामिक रेज़िस्टेंस फ़्रंट की रूह, क़ासिम सुलैमानी।
28/12/2022
अमरीका से इख़्तेलाफ़ ख़त्म होने का एक ही रास्ता है, उसे ग़ुंडा टैक्स देना।
23/12/2022
इमामे ज़माना का सिपाही बनने के लिए, अपने किरदार को संवारने की ज़रूरत है...
20/12/2022
अमरीका से हमारे मसलों को एक चीज़ हल कर सकती है और वह है...
18/12/2022
 इस्लामी इन्क़ेलाब से अमरीका के ख़्वाब चकनाचूर हो गए।
14/12/2022
वेस्ट के उद्योग को चलाने के लिए ज़रूरी चीज़ तेल है जो वेस्ट एशिया में है।
12/12/2022
इमाम ख़ुमैनी के क्रिएटिव कारनामों में से एक बसीज का गठन था। 
29/11/2022
ईरानी क़ौम, ख़तरे को मौक़े में बदलने वाली क़ौम है।
28/11/2022
दंगों को गाइड करने वाले ख़ुद को ईरानी क़ौम का सपोर्टर ज़ाहिर करते हैं। लेकिन ईरानी क़ौम की इच्छाओं, अक़ीदों और मुक़द्दस चीज़ों से दुश्मनी की, इस्लाम से दुश्मनी की... इमाम ख़ामेनेई ‎
24/11/2022
बलवों के दौरान, ईरानी वैज्ञानिकों ने ब्लड कैंसर के इलाज के नए तरीक़े की खोज की।
22/11/2022
ज़बान से सपोर्ट का दावा और अमल में ईरानी क़ौम पर पाबंदी, अमरीकी अधिकारियों का सफ़ेद झूठ।
20/11/2022
उम्मीद जगाना, ईरान से मोहब्बत का पैमाना है।
18/11/2022
ह्यूमन राइट्स के सपोर्टरों ने शाह चेराग़ के वाक़ए की निंदा क्यों नहीं की?
16/11/2022
वेस्ट एशिया का हीरो, क़ासिम सुलैमानी।
12/11/2022
अमरीका का अपने भीतर की मुश्किलों को हल न कर पाना, उसके पतन की निशानी है।
07/11/2022
ज़्यादातर राजनैतिक टीकाकारों का मानना है कि अमरीका पतन की ओर जा रहा है।
04/11/2022
ईरान में अमरीका के जासूसी के अड्डे पर इमाम ख़ुमैनी के अनुयायी इंक़ेलाबी स्टूडेंट्स के दाख़िल होने से कुछ मिनट पहले ही, अमरीकी जासूसों ने दस्तावेज़ों को श्रेडरों से नष्ट किया।
02/11/2022
शीराज़ में दाइश के आतंकी हमले में घायल होने वाला बच्चा आरतीन सेरायदारान आज आयातुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से स्टूडेंट्स की मुलाक़ात में शामिल हुआ।5 बरस का बच्चा आरतीन इस आतंकी हमले में घायल हो गया मगर अपने माँ-बाप और भाई को खो बैठा।आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने इस मौक़े पर सहानुभूति जताई। 26 अक्तूबर को शीराज़ शहर में हज़रत अहमद इब्ने मूसा काज़िम अलैहिस्सलाम (शाहचेराग़) के पवित्र रौज़े पर आतंकवादी ग्रुप दाइश के आतंकी हमले में 15 लोग शहीद और बहुत से अन्य घायल हो गए थे।
01/11/2022
अपनी व्यक्तिगत सलाहियत को क़ौमी सलाहियत में बदलना, जीनियस लोगों से इस्लामी इंक़ेलाब के नेता की अपेक्षा।
30/10/2022
वे हैरतअंगेज़ लम्हें, जिनमें किसी हक़ीक़त तक, दुनिया के बड़े बड़े साइंटिस्टों की पहुंच हुयी, वह अल्लाह की मदद का लम्हा है।
26/10/2022
कोरोना की मुश्किल हलके हो जाने के बाद, उम्मीद जगाने वाली इस बैठक के आयोजन पर अल्लाह का बहुत शुक्रगुज़ार हूं।
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