मैं अपने अज़ीज़ नौजवानों से, मोमिन व इंक़ेलाबी और इमाम ख़ुमैनी के आशिक़ उन सभी नौजवानों से यही अर्ज़ करना चाहता हूं जो ज़बान से काम लेते हैं, क़लम से काम लेते हैं, मुख़्तलिफ़ व्यवहारिक क़दम उठाते हैं, (तक़वे का) पूरी तरह पालन करें। ऐसा न हो कि किसी शख़्स की मुख़ालेफ़त हमको उस शख़्स के संबंध में हक़ का दामन छोड़ने पर उभारे और हम हक़ के रास्ते से आगे बढ़ जाएं और ज़ुल्म कर बैठें। नहीं, ज़ुल्म नहीं करना चाहिए।
इमाम ख़ामेनेई
04/06/2020