लोगों और परिवारों के सुख के लिए ज़रूरी चीज़ों में से एक यह है कि फ़ुज़ूल चीज़ों की पाबंदी, तड़क-भड़क, शान व शौकत और ज़रूरत से ज़्यादा भौतिक मामलों पर ध्यान देने से बचा जाए या कम से कम इन चीज़ों को ज़िन्दगी का अस्ल हिस्सा न समझें, एक ग़ैर ज़रूरी चीज़ समझें, ज़िन्दगी को शुरू से ही सादा व आसान बनाएं। ज़िन्दगी और घर के माहौल को, बर्दाश्त करने के लायक़ बनाएं। सादा ज़िन्दगी और सुख साधन से संपन्नता में कोई टकराव नहीं है। सुख, सादा ज़िन्दगी गुज़ारने में ही मिलता है। इमाम ख़ामेनेई 09/07/1998
कीवर्ड्ज़