ऐ मेरे अल्लाह! मुझे तेरे अलावा हर चीज़ से पूरी तरह तवज्जो हटा लेने की तौफ़ीक़ दे ताकि ‎मैं पूरे वुजूद से तेरी बारगाह में पहुंच जाऊं और हमारे दिल की निगाहों को तेरी ‎तरफ़ ध्यान लगाए रखने के नूर से रौशनी देते रहना, यहाँ तक कि दिल ‎की आँखें नूर के परदों को पार कर लें और महानता के स्रोतों से जा मिलें और हमारी आत्माएं तेरे पाकीज़ा मक़ाम की बुलंदियों तक पहुंच जाएं। (शाबान की विशेष मुनाजात से)