ऐ मेरे अल्लाह! अपने ज़िक्र से लगाव से मुझे मुसलसल प्रेरित करता रह, मेरी हिम्मत को तेरे नामों की कामयाबी की समीर और तेरे यहाँ पाकीज़ा दर्जे में क़रार दे। (शाबान की विशेष मुनाजात से)