हम इंसानों की मुश्किल यह है कि हम अपनी ग़लतियों को भुला देते हैं। सुधार के लिए ज़रूरी मामलों की ओर से लापरवाही, अपने भीतर सुधार की ओर से लापरवाही है। अगर ये लापरवाहियां ख़त्म हो जाएं और इरादा वजूद में आ जाए तो हर चीज़ में सुधार हो जाता है। यही बुनियादी काम है यानी सभी काम, आत्मसुधार की भूमिका हैं, सभी काम अपने आपसे अल्लाह को राज़ी रखने की भूमिका हैं। इमाम ख़ामेनेई 30 अक्तूबर 2005
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