अपने अल्लाह से मांगिए। इंसान ज़रूरतमंद है और उन ज़रूरतों को पूरा करने का वह मुतालेबा करता है, अल्लाह के दर पर जाना चाहिए ताकि दूसरों के सामने गिड़गिड़ाना न पड़े। इमाम ख़ामेनेई 17-02-1955
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