जब तक हज़रत ख़दीजा, हज़रत ज़हरा और हज़रत ज़ैनब जैसे सूरज चमक रहे हैं तब तक महिला विरोधी नए पुराने मंसूबे किसी नतीजे पर नहीं पहुँचेंगे।