अगर हम मुसलसल अपने आप पर नज़र नहीं रख सकते और आत्म निर्माण नहीं कर सकते तो कम से कम रमज़ान के महीने को ग़नीमत समझें। रमज़ान के महीने में हालात अनुकूल होते हैं। इसमें सबसे अहम चीज़ यही रोज़ा है जो आप रखते हैं। यह अल्लाह की ओर से मिलने वाले सबसे क़ीमती मौक़ों में से एक है।  इमाम ख़ामेनेई 23/02/1993
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