ऐ परवरदिगार! इन अज़ीज़ों को और मुझ नाचीज़ को इस मुबारक महीने में ख़ास तौर पर क़द्र की रातों में दिन ब दिन बढ़ती पाकीज़गी की तौफ़ीक़ अता कर।

कीवर्ड्ज़