सरदार सुलैमानी के जुलूस-ए-जनाज़ा में करोड़ों ईरानी आवाम की शिरकत से साबित हुआ कि शहीद सुलैमानी वास्तविक राष्ट्रीय शख़्सियत थे और हैं। इमाम ख़ामेनेई 1 जनवरी 2022