02/11/2024
कुछ लोग अपनी ख़बर से, अपनी टिप्पणी से, घटनाओं के संबंध में अपनी समीक्षा से लोगों में शक पैदा कर देते हैं, डर पैदा कर देते हैं, यह चीज़ अल्लाह की नज़र में अस्वीकार्य है; इस संदर्भ में क़ुरआन का स्टैंड बहुत ठोस है, क़ुरआन इस बारे में साफ़ तौर पर कहता हैः "अगर मुनाफ़ेक़ीन और वे लोग जिनके दिलों में बीमारी है और मदीना में अफ़वाहें फैलाने वाली (अपनी हरकतों से) बाज़ न आए..." (सूरए अहज़ाब, आयत-60) "मुर्जेफ़ून" यही लोग हैं। मुर्जेफ़ून यानी वे लोग जो लोगों के दिलों में बेचैनी पैदा करते हैं, डर पैदा करते हैं। अगर इन लोगों ने यह हरकतें बंद न कीं तो अल्लाह पैग़म्बर से फ़रमाता हैः "तो हम आपको उनके ख़िलाफ़ हरकत में ले आएंगे..."(सूरए अहज़ाब, आयत-60) तो हम आपको हुक्म देंगे कि आप जाकर उन्हें सज़ा दें।
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