07/09/2023
जब कर्बला का वाक़ेया हुआ और उस जगह पर इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम और उनके साथियों व रिश्तेदारों ने बेमिसाल बलिदान का प्रदर्शन कर दिया तो अब बारी थी क़ैदियों की कि वो पैग़ाम को आम करें। इमाम ख़ामेनेई
13/08/2023
अगर इतने पस्त न हुए होते तो सरकारें, चाहें वे कितनी भी बुरी क्यों न होतीं, कितनी ही बेदीन व ‎ज़ालिम क्यों न होतीं, इतनी बड़ी त्रासदी व घटना अंजाम नहीं दे सकती थीं। यानी पैग़म्बर के नवासे ‎और फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा के बेटे को क़त्ल न सकतीं।
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अगर हिज़्बुल्लाह अपने अहम उपकरणों को इस्तेमाल करे तो जंग का नक़्शा ही बदल जाएगा

जो मनोबल मैंने हिज़्बुल्लाह के जांबाज़ों में देखा, वह निश्चित फ़तह की ख़ुशख़बरी है