इस्लामी जुम्हूरिया का उदय एक ज़लज़ला था जिसने दो मोर्चों की स्थिति पैदा की। एक लिबरल डेमोक्रेसी का मोर्चा और दूसरा इस्लाम पर आधारित जुम्हूरी मोर्चा। लिबरल डेमोक्रेटिक सिस्टम के नेचर में हमला और अतिक्रमण शामिल है जबकि दीनी लोकतंत्र का सबसे अहम मिशन ज़ुल्म का मुक़ाबला है।
इमाम ख़ामेनेई
7 मार्च 2024
ज़ाहिरी तौर पर साफ़ सुथरी पोशाकों में नज़र आने वाले पश्चिमी नेता पागल कुत्ते और ख़ूंख़ार भेड़िए जैसा भीतरी रूप रखते हैं। यही पश्चिमी लिबरल डेमोक्रेसी है। यह न लिबरल हैं और न डेमोक्रेटिक। झूठ बोलते हैं और पाखंड से अपना काम निकालते हैं।
इमाम ख़ामेनेई
24 फ़रवरी 2024
एक झूठा मोर्चा है जो ख़ुद को लिबरल डेमोक्रेसी कहता है। हालांकि वो लिबरल है न डेमोक्रेटिक। अगर आप लिबरल हैं तो साम्राज्यवादी हरकतों का क्या तुक है? आप कैसे आज़ादी पसंद हैं?
जनता द्वारा निर्वाचित वरिष्ठ धर्मगुरुओं की सभा ‘विशेषज्ञ असेंबली’ के अध्यक्ष और सदस्यों ने गुरूवार की सुबह इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।