हज़रत अली (अ.स.) की शख़्सियत वह है कि अगर आप शिया हैं तब भी उनका एहतेराम करेंगे, अगर सुन्नी हैं तब भी उनका एहतेराम करेंगे, मुसलमान नहीं हैं तब भी अगर आप इस हस्ती से वाक़िफ़ हैं और उनकी ज़िंदगी के हालात से आगाही रखते हैं तो उनका एहतेराम करेंगे।
इमाम ख़ामेनेई
20 सितम्बर 2016
शबे क़द्र दरअस्ल दुआ, अल्लाह के सामने गिड़गिड़ाने और उसे याद करने का वक़्त है। इसके साथ ही यह रात इस बात का मौक़ा भी है कि हम हज़रत अली (अ.स.) के अज़ीम मक़ाम के बारे में कुछ जान लें और सबक़ सीखें। रमज़ान के महीने की जो भी फ़ज़ीलत बयान की जाए और इस महीने में अल्लाह के बन्दों के जो भी फ़रीज़े बताए जाएं, उन सब के लिए सब से अच्छे आइडियल, हज़रत अली (अ.स.) हैं।
हज़रत अली (अ.स.) की शख़्सियत वह है कि अगर आप शिया हैं तब भी उनका एहतेराम करेंगे, अगर सुन्नी हैं तब भी उनका एहतेराम करेंगे, मुसलमान नहीं हैं तब भी अगर आप इस हस्ती से वाक़िफ़ हैं और उनकी ज़िंदगी के हालात से आगाही रखते हैं तो उनका एहतेराम करेंगे।
इमाम ख़ामेनेई,
20 सितम्बर 2016