अमीरुल मोमेनीन फ़रमाते हैं: “जब पैग़म्बर की बेसत हुई और अल्लाह ने पैग़म्बर को भेजा तो उस वक़्त दुनिया तारीकियों में डूबी हुई थी। उसका फ़रेबी रूप सामने था।” क़ुरआन के मुताबिक़ (बेसत) अल्लाह का पैग़ाम ‘वहि’ नाज़िल होने का मक़सद हैः “कि तुम्हें अंधेरे से प्रकाश में लाए।”
आप बच्चियों को, अपनी प्यारी बच्चियों को मैं जो नसीहत करना चाहता हूं, वह यह है कि अल्लाह से दोस्ती कीजिए। कोशिश कीजिए कि नौजवानी के आग़ाज़ से ही मेहरबान अल्लाह की दोस्त बन जाइए।