फ़िलिस्तीन, फ़िलिस्तीनियों का है और उन्हीं के इरादे से संचालित होना चाहिए। फ़िलिस्तीन की सभी जातियों और सभी धर्मों के मानने वालों के रिफ़्रेंडम का प्रस्ताव, जिसे हमने लगभग 20 साल पहले पेश किया है, वह एकमात्र नतीजा है जो फ़िलिस्तीन की आज और कल की चुनौतियों से सामने आना चाहिए। यह प्रस्ताव दिखाता है कि यहूदी विरोध का दावा, जिसका पश्चिम वाले लगातार ढिंढोरा पीटते रहते हैं, पूरी तरह निराधार है। इस प्रस्ताव के मुताबिक़ यहूदी, ईसाई और मुसलमान फ़िलिस्तीनी एक दूसरे के साथ एक रिफ़्रेंडम में हिस्सा लेंगे और फ़िलिस्तीनी देश की राजनैतिक व्यवस्था का निर्धारण करेंगे। जिस चीज़ को निश्चित रूप से जाना चाहिए वह ज़ायोनी व्यवस्था है और ज़ायोनिज़्म ख़ुद, यहूदी धर्म में एक ग़लत उपज है और पूरी तरह उस धर्म से अलग है।